नई दिल्ली. पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी ने बच्चों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए देश भर में सिविल क्षेत्र के अंतर्गत 57 नए केंद्रीय विद्यालय खोलने को मंजूरी दे दी है।
नए केंद्रीय विद्यालयों में कितना आएगा खर्च?
देशभर के कई इलाकों में 57 नए केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना की जाएगी. इसके लिए अनुमानित लगभग 5862.55 करोड़ रुपये है, जो 2026-27 से नौ वर्षों की अवधि को कवर करती है। पहली बार इन 57 केंद्रीय विद्यालयों को बाल वाटिका, यानी प्री-प्राइमरी के 3 वर्षों के साथ मंजूरी दी गई है।
देशभर में अब तक 1288 केंद्रीय विद्यालय काम कर रहे हैं। इनमें से 3 विदेशों में हैं, मास्को, काठमांडू और तेहरान। इन स्कूलों में 30 जून 2025 तक कुल 13.62 लाख से अधिक छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रही हैं।
किन क्षेत्रों में खुलेंगे केंद्रीय विद्यालय?
दिसंबर 2024 में स्वीकृत 85 केंद्रीय विद्यालयों के साथ आगे बढ़ते हुए, इस प्रस्ताव में 17 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को शामिल किया जा रहा है। नई मंजूरी के तहत 7 विद्यालय गृह मंत्रालय द्वारा और बाकी 50 विद्यालय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों द्वारा खोले जाएंगे.
20 विद्यालय देश के ऐसे जिलों में खोले जाएगे जहां पर एक भी KV नहीं है, वहीं 14 विद्यालय आकांक्षी जिलों में, 4 विद्यालय नक्सल प्रभावित जिलों में और 5 विद्यालय पूर्वोत्तर व पहाड़ी क्षेत्रों में खोले जाएंगे.
इन नए विद्यालय की क्षमता लगभग 1520 छात्रों की होगी. जिससे कुल 86,640 छात्र पढ़ाई कर सकेंगे वहीं टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टॉफ में नई भर्ती भी होगी।
कितनी नई नौकरियां मिलेंगी?
केंद्रीय विद्यालय में एक बालवाटिका (प्री-प्राइमरी) से लेकर 12वीं तक पढ़ाई करने के लिए लगभग 81 लोगों की जरूरत पड़ती है। इस तरह से देंखे तो 57 नए केवी के खोले जाने से लगभग 4617 लोगों को स्थाई रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
इसके अलावा, भवन निर्माण और सुविधाओं के विकास से बड़ी संख्या में स्थानीय कुशल व अकुशल श्रमिकों को रोजगार मिलेगा. सरकार का ये फैसला एक स्वागत योग्य कदम माना जा रहा है।
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